अवसाद : डिप्रेशन क्या है | डिप्रेशन का कारण और समाधान

आज के वक़्त में डिप्रेशन (Depression in hindi) एक आम समस्या है। डिप्रेशन एक तरह का मूड डिसऑर्डर है जो अपने आप ठीक हो सकता है। इसमें रोगी का दिमाग लगातार बदलता रहता है। कुछ लोगों में यह गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। ऐसे लोगों में हमेशा उदासी, गुस्सा व हताशा की भावनाएँ बनी रहती हैं। यह भावनाएँ उनके रिश्तों को भी प्रभावित कर सकती हैं और पुरानी बीमारियों का कारण भी बन सकती हैं। तो चलिए आज जानते हैं अवसाद : डिप्रेशन क्या है | डिप्रेशन का कारण और समाधान (What is depression | Causes and Solutions of Depression).

हम सभी अपनी ज़िन्दगी के किसी ना किसी पड़ाव पर खुद को उदास और हताश महसूस करते ही है। कभी असफलता, कभी संघर्ष तो कभी किसी अपने से बिछड़ जाने का दुःख, डिप्रेशन का कारण बनते हैं। अगर ये अप्रसन्नता, दुःख, लाचारी, निराशा जैसी भावनायें कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहे तो यह व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या जारी रखने में भी असमर्थ बना देती है।

आज के समय में डिप्रेशन काफी आम है और डब्ल्यूएचओ के अनुसार, विश्व भर में 34 करोड़ लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं और भारत में 5.6 करोड़ लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं। सामान्यतया डिप्रेशन किशोरावस्था या 30 से 40 साल की उम्र में शुरू होता है लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। इनमें से अधिकतर मामले 18 से 34 वर्ष के उम्र वालो में होते हैं। डिप्रेशन आपके विचारों, भावनाओं, समझ और व्यवहार को प्रभावित करता है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं के डिप्रेशन की समस्या से ग्रस्त होने की सम्भावना ज़्यादा होती है। मानसिक कारको के अलावा हार्मोन्स का असंतुलित होना, गर्भावस्था और अनुवांशिक विकृतियाँ भी डिप्रेशन का कारण हो सकती है। लक्षणों की संख्या और तीव्रता के आधार पर डिप्रेशन के अलग–अलग प्रकार होते है जो कि मध्यम से लेकर बहुत गंभीर भी हो सकते है जिनके सफल ईलाज के लिए गहन परिक्षण ज़रूरी है।

 

अवसाद : डिप्रेशन क्या है | डिप्रेशन का कारण और समाधान (What is depression | Causes and Solutions of Depression)

डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है लेकिन यह मरीज को शारीरिक रूप से भी प्रभावित करती है जैसे थकावट, दुबलापन या मोटापा, हार्ट डिसीज़, सर दर्द, अपच इत्यादि। इसी कारण कई बार मरीज इन शारीरिक लक्षणों का ईलाज करवाने के लिए इधर उधर भटकते रहते हैं लेकिन इन लक्षणों की जड़ों में छुपे डिप्रेशन पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता।

आजकल डिप्रेशन के लिए कई सारे अलग–अलग ईलाज उपलब्ध है। एक मनोरोग चिकित्सक डिप्रेशन के प्रकार और गंभीरता के आधार पर सही उपाय का चुनाव करता है जैसे की काउंसलिंग, व्यव्हार परिवर्तन, ग्रुप थेरेपी, दवाइयाँ या मिश्रित पद्धति इत्यादि। सही ईलाज के बाद डिप्रेशन के मरीजों में से अधिकांश पूरी तरह ठीक होकर अपनी सामान्य ज़िन्दगी में लौट पाते है।

डिप्रेशन के कारण और इलाज के बारे में जानने से पहले इसके डिप्रेशन के ३ पहलुओं के बारे में जान लेते हैं।

 

1. डिप्रेशन का मूल कारण क्या है – What is the root cause of Depression

आज की वक़्त में डिप्रेशन एक आम समस्या है। इससे कुछ लोग तो आसानी से बाहर आ जाते है पर कुछ लोग तो इसमें फंस कर अपना जीवन तक ख़तम कर लेते है। डिप्रेशन एक बहुत गंभीर बीमारी है। यदि इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाये, तो यह आपके जीवन के हर पहलू पर भारी दुष्प्रभाव डाल सकता है।

आपके भीतर बसा जीवन हमेशा जीवित रहना चाहता है वो हमेशा सबसे ऊँचे सिखर को छूने के लिए तरसता है। जीवन हमेशा उल्लास और उत्साह से भरा होता है। आप मानसिक तौर पर ही डिप्रेशन की चपेट में आते हैं। डिप्रेशन में आप अपने मन के तार्किक आयाम में उलझ कर रह जाते है। आपकी समझ एक बात कहती है लेकिन तर्क भरी सोच कुछ और ही कहती है। आपके रोज़ मर्राह के जीवन के दोहराव से भरा स्वाभाव भी डिप्रेशन का कारण हो सकता है। बहुत ज्यादा तर्क वाले क्षण आत्महत्या के क्षण होते है।

डिप्रेशन का मतलब है आप किस्तों में आत्महत्या कर रहे है। अगर आप अपने जीवन मे तर्क को बहुत ज्यादा जगह देंगे तो आपके जीवन की आयु घटती चली जाएगी। आपको जीवन के भौतिक पहलुओं के लिए ही तर्क को लागु करना चाहिए। अगर आपने जीवन पर ही तर्क को लागु किया तो आप डिप्रेशन के शिकार हो जायेंगे।

आपके जीवन में सबने मूल्यवान चीज खुद आपका जीवन है। आप कहा रहते है, कौनसी गाड़ी चलाते हैं, क्या पहनते है, क्या खाते है, ये सब जीवन का सहायक उपकरण (accessories) है।

इस समय आप जिन्दा है यही सबसे बड़ी बात है। यही सबसे बड़ी ख़ुशी की बात है। आपको ये बात साफ समझनी होगी की दुखी, डिप्रेस, या बीमार होने से कोई फायदा नहीं है बल्कि खुश और आनंदित रहने में ही फायदा है और अगर फायदा नहीं हुआ तो भी क्या फर्क पड़ता है, कम से कम आप ज़िंदा और खुश तो है।

 

2. क्या बिना दवाइयों के डिप्रेशन ठीक किया जा सकता है – Can depression be cured without medicines

डिप्रेशन के इलाज के लिए लोग आज भी मनो चिकित्सक के पास जाने से कतराते है। उन्हें लगता है अगर हम मनो चिकित्सक के पास गए तो हो सकता है की वो हमे पागल या मानसिक रोगी घोषित कर दें। तो क्या बिना दवाइयों या मनो चिकित्सक के डिप्रेशन का इलाज संभव है?

ऐसे बहुत से लोग है जो दिमागी तौर पर पूरी तरह स्वस्थ नहीं होते। बहुत से लोगों का दिमाग बिगड़ जाता है उन्हें चिकित्सक की जरुरत होती है। हर इंसान की ये जिम्मेदारी है की वो अपने शारीरक और मानसिक स्वास्थ की देखरेख खुद करें। अगर हर इंसान अपनी कम उम्र से ही यह भावना अपने मन में रखे तो इससे ज्यादातर लोग डिप्प्रेशन का शिकार होने से बच सकते है।

आप ये मत सोचिये की हर बीमारी किसी रोग का लक्षण है। जिन लोगों को लम्बे समय से डिप्रेशन है और वो दवाएं नहीं ले रहे है तो हो सकता है की वो उससे कभी बाहर ना आ पाए। पर हम यहाँ उस तरह के पागलपन की बात कर रहे है जो हम सब में होता है। ज़रा सा कुछ हो जाये तो हम डिप्रेशन में चले जाते है। हम जो चाहते है वो नहीं होता तो हम भी डिप्रेशन में चले जाते है। हर कोई खुद को डिप्रेशन में धकेलने में सक्षम है।

कुछ लोगों को डिप्रेशन स्वाभाविक रूप से हो जाता है लेकिन कुछ लोगों को यह उनके ना चाहते हुए भी उनको जकड़ लेता है। मगर बहुत से लोग खुद को उसमे धकेलते हैं। जैसे मान लीजिये आप बहुत गुस्से में है तो आप क्या शब्द इस्तेमाल करते है यही ना की मैं पागल हो गया हूँ। तो आप गुस्से में अपनी इक्छा से पागल हो रहे है।

अगर आप बार बार ऐसा करते है, तो क्यूंकि मानसिक संतुलन और पागलपन के बिच की रेखा बहुत पतली होती है, अगर आप बार बार धक्का देते रहेंगे तो एक दिन आप उस पार चले ही जायेंगे। इसलिए ऐसे लोग खुद को खुद ही डिप्रेशन में धकेलते हैं।

ऐसे बहुत से लोग है जो अपने जीवन के कुछ खास समय में खुद को डिप्रेशन की स्थिति में धकेल देते है और वही लोग पक्का इरादा करके उससे बाहर भी आ जाते है। आपमें से कई लोग होंगे जो कई बार डिप्रेशन का शिकार हुए होंगे पर कभी बिना किसी की मदद के तो कभी अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के थोड़ा समझाने से अपने डिप्रेशन से बाहर आ गए होंगे।

कहने का मतलब ये हुआ की कुछ मामलों में लोग खुद ही डिप्रेशन से बाहर आ जाते है तो वही कई मामलों में हमे मनो चिकित्सक ही सलाह या दवा लेनी पड़ती है।

 

3. क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे हर परिस्थिति में खुश रहा जा सके – Is there any way to be happy in any situation

हम खुश कैसे रहें? खुश रहने के क्या तरीके हैं? खुश रहने के क्या उपाय है?
दोस्तों ख़ुशी एक ऐसी चीज है जो हर कोई चाहता है। हर कोई हमेशा खुश रहना चाहता है चाहे परिस्थिति जो भी हो, पर ऐसा हो नहीं पाता। ये परेशानियां इसलिए है क्यूंकि हम आने वाले कल में खुशियां तलासते है। आपकी उम्मीदें आपको बुरी तरह जकड़े रहती है क्यूंकि आप खुशियां आने वाले कल में तलासते है, कभी आज में ख़ुशी देखते ही नहीं।

अगर मेरा यह काम हो जाये, और ये भी हो जाये, कल ऐसा हो जाये तो मैं बहुत खुश रहूँगा जैसे विचार अगर आपके मन में आते हैं तो ऐसे विचार से आपको ज्यादा दुःख झेलना पड़ता है क्यूंकि, ये, ये और ऐसा हर दिन आपसे और दूर होता चला जाता है।

मान लीजिये अभी आप बहुत खुश है पर आप चाहते है ऐसा हो जाये तो मैं और खुश रहूँगा। आप अपने और भी खुश होने के साधन के पीछे जायेंगे पर ये आपसे और दूर चला जाएगा। लेकिन आपको इसका बिलकुल दुःख नहीं होगा क्यूंकि आप वर्तमान में खुश है। यानि बिना खुद में सुधार किये आप दुनिया में चीजे करने की कोशिश कर रहे है।

श्री कृष्ण ने कहा था “योगस्थः कुरु कर्माणि” यानि पहले खुद को योग में स्थापित कीजिये फिर कोई काम कीजिये लेकिन आपने शुरुआत की उथल पुथल से की है फिर योग करने आये है, बस यही चीज हमे सुधारनी है तभी हम डिप्रेशन से बाहर रहेंगे।

 

डिप्रेशन के लक्षण (Depression ke lakshan) – Symptoms of Depression in Hindi

अलग – अलग लोगों में डिप्रेशन के अलग – अलग लक्षण होते है :

  • स्वयं को अयोग्य या दोषी मानना
  • एकाग्र रहने तथा फैसले लेने में कठिनाई होना
  • लगभग हर दिन थकावट और कमजोरी महसूस करना
  • लगभग हर रोज़ बहुत अधिक या बहुत कम सोना
  • दिन भर और खासकर सुबह के समय उदास रहना
  • बार–बार मृत्यु या आत्महत्या के विचार आना
  • बैचैनी या आलस्य महसूस होना
  • अचानक से वजन बढ़ना या कम होना
  • सारी गतिविधियों में नीरसता आना

अगर किसी व्यक्ति में इनमे से 5 या इससे अधिक लक्षण, 2 सप्ताह या उससे ज़्यादा समय तक बने रहते है तो यह DSM-5 (परिक्षण तकनीक) के अनुसार उस व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है।

 

What to do to avoid Depression

डिप्रेशन से बचने के लिए क्या करें (Depression ka pakka ilaj) – What to do to avoid Depression

अगर आपको या आपके किसी परिचित को डिप्रेशन है तो आप निम्नलिखित तरीकों से अपनी और उस व्यक्ति की मदद कर सकते हैं

  • डिप्रेशन को दूर करने के लिए किसी अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श ज़रूर लें
  • डिप्रेशन के कारण को अच्छे से समझने की कोशिश करें और इसके लिए अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें
  • खुद को अकेला ना रहने दे हमेशा दोस्तों के साथ बहार जाएँ, लोगों से मिले जुले, गपशप करे या परिवार के साथ समय बिताएं
  • मन ही मन में घुटने की बजाये अपनी बाते किसी विश्वासपात्र या मनोचिकित्सक को ज़रूर बताये
  • खुद के लिए ऐसे लक्ष्य ना बनाये जो पुरे ना हो सकते हों
  • सुबह शाम टहलनें जाएँ
  • अपने आप को काम में व्यस्त रखें
  • उदासी भरे गानें ना सुने
  • काम को करने के नए-ने तरीके खोजे और नए-नए रास्तो से होकर गुजरें
  • जब हम रोते हैं तो कोई नहीं रोता लेकिन जब हँसते हैं तो पूरी दुनिया साथ में हंसने को तैयार हो जाती है इसलिए अगर आप दुःखी है तो भी लोगों के सामने ऐसा जताइए की आप बहुत खुश है और सहकर्मियों के साथ हँसाना स्वास्थ के लिए भी काफी अच्छा है।
  • सकारात्मक बोलें और सकारात्मक पढ़ें
  • योग का सहारा ले और अनुलोम विलोम, प्राणायाम, ध्यान को सीखकर अपने जीवन में सुधार करें
  • आर्ट ऑफ़ पॉजिटिव लिविंग का फायदा उठाये
  • अगर आपके पास इन्टरनेट है तो सकारात्मक कहानियाँ, विचार और उद्बोधन पढ़ें

 

हमेशा खुश कैसे रहें – How to be happy always

आपको दुनिया से, अपनों से, दोस्तों से क्या चाहिए, यह सब कुछ भूल जाइये। पहले खुद में तय कीजिये की आपको जो करना है वो खुद तय करना है कोई और उसे तय नहीं करेगा सिर्फ आप ही तय करेंगे की आपको क्या करना है। कभी दूसरों से कुछ उम्मीद मर रखिये। बस आप यही करके देखिये फिर आप खुद ही खुश रहने लगेंगे।

आप अभी खुश है फिर भी आपको कुछ और ख़ुशी चाहिए तो अगर खुश मन से आप वो करने जायेंगे तो उन उम्मीदों के पुरे होने की सम्भावना ज्यादा होगी और वो नहीं भी पुरे हुए तो भी आपको उससे ज्यादा दुःख नहीं होगा। बिना बुनियाद को सुधारे हम भाग रहे है, हमने अपना वर्तमान ठीक नहीं किया लेकिन भविष्य को ठीक करने की कोशिश किये जा रहे है, आजकल सबकी यही परेशानी है।

उदाहरण के लिए अगर आपको अपनी गाड़ी चलानी है तो पहले जाँच लीजिये की वो पूरी तरह ठीक है या नहीं। अगर इसके 2 पहिये ढीले है और गाड़ी जैक पर है, ऐसे में अगर आपने गाड़ी चला दी तो हादसा तो होगा ही ना।

जो हमारी युवा पीढ़ी है उनकी ज़िन्दगी में अभी कुछ होने की जरुरत नहीं है ये समय बस खुद को स्थापित करने का है। ये गाड़ी चलाने का समय नहीं है पहले पहिये ठीक कीजिये। अगर बिना पहिये ठीक किये आपने गाड़ी चलाई तो ये बहुत बुरा और खतरनाक परिणाम देगा, ऐसा अपने साथ मत कीजिये।

हमेशा खुश रहिये, डिप्रेशन किसी समस्या का हल नहीं है बल्कि इससे आप खुद को ही धीरे धीरे ख़त्म कर लेंगे, इसलिए आपको जो पसंद है वो कीजिये लेकिन बिना किसी से उम्मीद किये क्यूंकि उम्मीद रखने से आपको बहुत दुःख पहुंचेगा। खुद पे भरोसा रखिये, जो करना है खुद कीजिये, आपको ख़ुशी जरूर मिलेगी।

 

याद रखें :
  • डिप्रेशन एक बहुत ही आम लेकिन गंभीर समस्या है जिससे बाहर निकलने के लिए व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता की ज़रूरत होती है।
  • डिप्रेशन पागलपन नहीं होता है और डिप्रेशन के अधिकांश मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।
  • डिप्रेशन के ईलाज के लिए सही जानकारी होना बहुत ज़रूरी है।
  • इस समस्या से निजात पाने में चिकित्सक और मरीज के साथ साथ उसके परिवार और दोस्तों का सहयोग बहुत ज़रूरी होता है।

 

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