छोटे बच्चों को सर्दी ज़ुकाम जल्दी हो जाता है खासकर तब जब वो 0-6 महीने के होते हैं। बदलते मौसम और ठण्ड के मौसम में सर्दी जुकाम होना आम बात हो जाती है। ऐसे में मन में सवाल आता है की नवजात शिशु को सर्दी होने पर क्या करें (What to do if a newborn has a cold), नवजात शिशु को जुकाम के घरेलू उपाय क्या हैं (Home remedies for cold in newborn), नवजात शिशु को कफ का इलाज कैसे करे, शिशु को जुकाम होने पर कौनसे घरेलू नुस्खों को आजमाएं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए मैं आज का ये लेख नवजात शिशु को सर्दी जुकाम होने से कैसे बचाएं – घरेलु उपाय | How to prevent Cough and Cold in Newborn Baby – Home Remedies ले कर आई हूँ।
जब बदलता मौसम और ठंड का मौसम दस्तक देना शुरू करता है तो ऐसे में छोटे बच्चों और शिशुओं को सर्दी-जुकाम होने का खतरा ज्यादा रहता है। छोटे बच्चे और शिशुओं को जब सर्दी जुकाम होता है तो देना ज्यादा सुरक्षित नहीं माना जाता है इसलिए आप ऐसी स्थिति में घरेलू नुस्खे अपना कर अपने शिशुओं को सर्दी जुकाम से राहत दिला सकते हैं।
छोटे बच्चों और शिशुओं की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है और इसलिए उन्हें आसानी से सर्दी खांसी और जुकाम हो जाता है। नवजात शिशुओं या 0 से 6 महीने तक के शिशुओं की इम्यूनिटी विकसित नहीं हुई होती है इसलिए इन्हें बहुत जल्दी सर्दी-जुकाम हो जाता है। आप चाहे तो बच्चों को डॉक्टर को दिखा कर दवा भी ले सकते हैं और चाहे तो घरेलु इलाज से भी इसका समाधान कर सकते हैं।
national institute of health के हिसाब से छोटे बच्चों को साल में 6 से 10 बार जुकाम हो ही जाता है। कई बच्चों को वायरस की वजह से सर्दी जुकाम हो जाता है इसलिए antibiotics से इसका इलाज किया जा सकता है।
American Academy of Pediatrics के अनुसार डॉक्टर की Slips के बिना मिलने वाली over the counter medicines 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप घरेलू नुस्खों से ही बच्चों में जुकाम का इलाज करें।
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नवजात शिशु को सर्दी जुकाम होने से कैसे बचाएं – घरेलु उपाय | How to prevent Cough and Cold in Newborn Baby – Home Remedies
बच्चों को सर्दी जुकाम से राहत दिलाने के घरेलू नुस्ख़े : Home Remedies for Cold in Babies
शिशुओं और बच्चों को जुकाम होने के कारण (Causes of Cold in Babies in Hindi)
सभी शिशु किसी न किसी रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ जन्म लेते हैं। लेकिन फिर भी उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को पूरी तरह से परिपक्व होने में समय लगता है। यही वह समय होता है जब बच्चे वायरल संक्रमण के लिए अति संवेदनशील होते है, जिसकी वजह से उन्हें सर्दी -जुकाम जल्दी पकड़ लेता है।
नवजात शिशुओं में सामान्य सर्दी खतरनाक नहीं होती है, लेकिन ये समय सर्दी भी अगर जल्दी ठीक नहीं हुई तो ये निमोनिया या कोई अन्य बीमारी का रूप ले सकती है। पहले वर्ष के दौरान अधिकतर बच्चों को सर्दी-जुकाम होता ही है, जिसमें बच्चे की नाक बहती है और उसकी रातों को नींद भी ख़राब होती है।
अब सवाल यह उठता है कि ऐसे में छोटे बच्चों की मदद कैसे कर सकते हैं? क्यूंकि विशेषज्ञों के हिसाब से तो 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बिना पर्ची के मिलने वाली सर्दी-जुकाम की दवाओं को सही नहीं माना जाता। इसलिए कुछ प्राकृतिक उपचार शिशुओं में होने वाले श्री जुकाम जो कम करने में मदद कर सकते हैं और उसे बेहतर महसूस कराने में बेहद मददगार साबित हो सकते हैं।
चलिए आगे जानते हैं कुछ प्राकृतिक उपचार और कुछ देखभाल जिनकी मदद से आप अपने नन्हे से शिशु को सर्दी जुकाम जैसे वायरल से बचा रखते हैं और उनका इलाज कर सकते हैं :
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छोटे बच्चों को सर्दी जुकाम से बचाने के लिए कुछ सावधानियां तथा देखभाल
1. बच्चे के आसपास स्वच्छता बनाए रखें – Maintain Hygiene around Your Baby
बच्चे के आस पास रहने वाले हर व्यक्ति खासकर माता पिता को, हमेशा स्वस्थ और स्वच्छ रहना जरुरी है। बच्चे के पास जाने से पहले आपका हाथ या तो सैनेटाइज़ होना चाहिए या फिर किसी अच्छे Antiseptic Liquid से धुले हुए होने चाहिए। घर में या फिर अगर कोई बाहर से भी बच्चे से मिलने आता है और उन्हें हल्की सी भी खांसी या सर्दी है तो उन्हें मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
सर्दी-जुकाम या खांसी से ग्रस्त कोई भी व्यक्ति अगर छोटे बच्चे के पास छींकता, खांसता या बात करता है तो उससे बच्चे को भी इंफेक्शन हो सकता है। अगर जुकाम से ग्रस्त व्यक्ति शिशु को छूता है तो इससे भी बच्चे को वायरस हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति अगर शिशु के आंख, नाक या मुंह को छूटा है तो इससे बच्चे को भी इंफेक्शन हो सकता है।
कुछ वायरस जमीन, पर्दों, खिलौनों या चीजों पर दो या इससे ज्यादा घंटे तक रहते हैं। इन्हें छूने पर भी बच्चा वायरस के संपर्क में आ सकता है। इसलिए बच्चे को दिए जाने वाले खिलौने भी अच्छे से धुले होने चाहिए। इन्हे आपको दिन में कई बार धोना चाहिए साथ ही बच्चा अगर अपनी ऊँगली मुँह में डालता है तो उनके हाथ भी कई बार धोने चाहिए।
2. जरुरी है माँ का दूध और रोज़ाना मसाज – Mother’s milk and Daily Massage is necessary
नवजात शिशु को सर्दी और ठंड होने पर या इससे बचाने के लिए मां का दूध पिलाना जरूरी है। इससे बच्चाें में बीमारी से लड़ने की शक्ति मिलती है। शिशु की सांस तेज होने पर भी दूध पिलाना जरूरी है। माँ को भी गरम काढ़ा, गरम दूध और गरम पानी इत्यादि पीना ताकि उनके दूध के माध्यम से ये सब चीजे उनके बच्चे को मिल सके और बच्चा जल्दी से ठीक हो सके।
बच्चे को स्वस्थ और उनका शरीर गर्म रखने में मसाज की अहम् भूमिका होती है। शिशु को शुरूआती 1 – 2 साल तक नियमित मालिश जरुरी है। इसलिए चाहे सर्दी हो या गर्मी अपने शिशु की नियमित रूप से दिन में कम से कम 3 – 4 बार मसाज जरूर करें। मसाज के लिए तेल आप अपनी इक्छानुसार चुन सकते है लेकिन मेरी राय में मैं सरसो के तेल को प्राथमिकता देती हूँ।
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3. डाइपर बदलते रहे – Keep Changing Diapers
सर्दी के मौसम में नवजात शिशु के के डायपर को थोड़ी थोड़ी देर में बदलते रहना चाहिए क्यूंकि गीले डायपर से नवजात को सर्दी जुकाम के साथ अन्य कई प्रकार के संक्रमण हो सकते हैं। नवजात शिशु को रोज़ाना नहलाना जरुरी नहीं होता इसलिए आप उसके शरीर को हल्के गुनगुने पानी में कपड़ा भिगोकर पोंछ सकते है और इसके बाद बच्चे को कपड़े पहना सकते हैं।
4. शिशु का शरीर गर्म रखें – Keep Baby warm
ठंड के मौसम में छह महीने से कम उम्र के नवजात शिशु के हाथ-पैर, पेट और तलबे को बार बार छूकर देखते रहना चाहिए। जरा सी भी ठंड महसूस हो तो तुरंत मालिश करें ताकि नवजात के शरीर में गर्मी आ जाए।
इसके अलावा शिशु को कपड़े लेयर करके पहनाये, मतलब अगर सुबह के समय ठण्ड ज्यादा है तो उसे ज्यादा और गर्म कपड़े पहनाये और दिन में समय अगर थोड़ी गर्मी है तो आप कपड़े की एक दो लेयर या जितना आपको लगे उतना उतार सकते हैं। फिर शाम को अगर आपको लगे की मौसम फिर ठंडा हो गया है तो आप अपने हिसाब से कपड़े की लेयर बढ़ा सकते हैं।
ऐसा करने से बच्चे को ठण्ड लगने की जो परेशानी होती है उससे काफी हद तक राहत मिलेगी और शिशु जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे।इसके अलावा आप आयल हीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि जहाँ शिशु रहते है वहां का तापमान ठंडा ना रहे। लेकिन सोने से पहले हीटर को बंद जरुरत कर दें ताकि कमरे में अधिक गर्मी ना हो जाये और शिशु आराम से सो सके।
5. सुबह की धुप है बेहद जरुरी – Morning Sun Exposure is very important
बच्चे के जन्म के बाद उसे विटामिन D की drops दी जाती है लेकिन विटामिन D के लिए सूर्य की रौशनी से बेहतर और कुछ भी नहीं है। इसलिए अपने शुशुओं को सुबह के 10 बजे से पहले की धुप में रखिये ताकि उनको विटामिन D मिल सके और साथ ही इससे उनके शरीर में एक natural heat पैदा होती है जो बच्चों को बहुत सरे infections दूर रखता है।
अगर शिशुओं को थोड़ी बहुत सर्दी जुकाम हुई भी रहती है तो भी सूर्य की किरणों की वजह से उनके बॉडी में जो heat होता है उससे वो धीरे धीरे ठीक हो जाता है। सूर्य की किरणें शिशुओं की growth और उनके mental and physical development में बहुत मदद करती है।
6. कब दिखाएं डॉक्टर को – When to see a Doctor
सर्दी की वजह से अगर बच्चे का नाक अगर बंद है तो उसे माँ का दूध पिने में भी परेशानी हो सकती है। लेकिन अगर बच्चा बाहर का दूध पिता है और वो भी ना पिए तो दूध को थोड़ा गर्म करके पिलायें। इसके बाद भी अगर ना पिए तो डॉक्टर के पास अवश्य ले जाये। हो सकता है की ठण्ड की वजह से बच्चे को भीतर से कोई समस्या हो गयी हो।
अगर बच्चे को बुखार 100.4 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो जाए, -उसे सांस लेने में परेशानी हो रही हो, उसकी खांसी ठीक न हो रही हो, वह अपने कान खुजलाता रहता हो और चिड़चिड़ा हो गया हो तो ऐसे में बिना नजरअंदाज किये बच्चे को तुरन्त डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
ये तो थे कुछ टिप्स जिनको अपना कर और इसके आधार पर अपने शिशुओं की देखभाल करके आप अपने नवजात शिशुओं को शर्दी जुकाम होने से बचा सकते हैं। अब बात करते है की अगर शीशों को सर्दी जुकाम हो जाये तो कौनसे घरेलु तरीके अपनाएं जाएं :
बच्चों को सर्दी जुकाम से राहत दिलाने के घरेलू नुस्ख़े – Home Remedies to give Relief to children from Cold
जब बच्चे बीमार होते हैं तो उनकी भूख कम हो जाती है, खासकर सर्दी जुकाम और बुकर के समय बच्चे ठीक से दूध तक नहीं पी पाते।
1. शिशु को भाप (Steam) दें (Steam to Get Relief from Cold in Babies in Hindi) :
नासिक मार्ग में म्यूकस को ढीला करने के लिए भाप लेना सबसे असरकारी तरीका है। भाप (Steam) देने से बच्चों के नाम जल्दी खुलते हैं। भाप देने के दो तरीके होते हैं पहले तो आप इसके लिए एक facial steamer या vaporizer का इस्तेमाल कर सकते हैं।
लेकिन इनका इस्तेमाल करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखे की इससे आपका बच्चा जले नहीं नहीं। बच्चे पर facial steamer या vaporizer इस्तेमाल करके से पहले आप खुद पर इसे try जरूर कर लें या फिर आप ऐसे स्टीमर का इस्तमाल करे जिसकी भाप हल्की हो जिससे बच्चे को कोई नुकसान ना पहुंचे।
दूसरा तरीका ये है की आप अपने बाथरूम में गरम पानी रख सकते हैं या फिर अगर आपके Tap में गरम पानी आता है तो आप उसे चला दीजिये थोड़ी देर में बाथरूम में भाप हो जाएगी। फिर आप इस भाप में बच्चे को लेकर 15 – 20 मिनट्स के लिए बैठ जाये। इससे शिशु उस भाप में साँस लेगा और उसकी नाक खुल जाएगी।
2. सरसो तेल की मालिश (Mustered Oil Massage beneficial for Cold in Babies in Hindi) :
सरसो के तेल के मालिश हर उम्र के बच्चों के लिए फायदेमंद साबित होती है। मेरा बेटा अभी 2.5 साल का है और अभी भी मैं उसके ऊपर ये उपाय अपनाती हूँ।
आप एक कटोरी सरसो का तेल ले लीजिये, उसमे 3 – 4 लहसुन की कलियाँ कूट कर डाल दीजिये और इसे गरम करके, गरम तेल की मालिश आप अपने बच्चे के हाथ-पैर, खासकर तलवे और नाखुनो, छाती और पीठ में कीजिये। यह एक बहुत ही चमत्कारी उपाय है ये बहुत फायदेमंद होती है। लहसुन जलना नहीं चाहिए।
अगर आपको तेल को और भी गर्म तासीर का बनाना है तो आप इसमें लहसुन के साथ साथ थोड़ी अजवाइन, 1-2 लौंग और एक चुटकी हींग भी डाल कर गरम कर लीजिये फिर इसे छान कर इस तेल से शिशु की मालिश कीजिये। लहसुन जलना नहीं चाहिए।अगर ठण्ड का मौसम है तो मालिश करने के बाद शिशु को मोज़े और दस्ताने जरूर पहना दे ताकि उसका शरीर गरम रहे।
3. जायफल (Jayphal – Nutmeg Beneficial for Cold in Babies in Hindi) :
मेरा बच्चा जब छोटा था तो मेरी माँ उसे सिलबट्टे पर जायफल घिस के हिला देती थी। मैंने एक दिन पूछा की ऐसा क्यों करती हो तो उसने बोलै की इससे बच्चे का शरीर गरम रहता है और वो जल्दी बीमार नहीं पड़ते।
Touchwood वो तरीका बहुत effective साबित हुआ मेरे बच्चे के लिए। आप चाहे तो अपने बच्चे को भी दे सकते है और अगर ना देना चाहे तो आप इसे घिस कर जैसे सरसो तेल की मालिश का तरीका बताया है वैसे ही इससे भी मालिश कर सकते हैं। यह भी बच्चो को सर्दी और बंद नाक से राहत दिलाने का काफी अच्छा तरीका है।
4. सलाइन का पानी (Saline Water Beneficial for Cold in Babies in Hindi) :
सलाइन का पानी बंद नाक में जादू जैसा काम करता है। इस पानी की 2-2 बूंद नाक के दोनों ओर डाल कर बच्चे का सिर हल्के हाथ से निचे की तरफ कर दें जिससे वो पानी आसानी से नाक में अंदर चला जाए। इससे भी बच्चों को सर्दी में तुरन्त आराम आ जाएगा।
इसके अलावा आप Nasoclear – Saline Nasal Spray का इस्तेमाल कर सकते है। इसमें सिर्फ नमक और पानी का मिश्रण होता है इसलिए इससे बच्चे को किसी भी तरह का कोई side effect नहीं होता। इसे जैसे ही आप अपने बच्चे के नाक में डालते है वैसे ही एकदम से बच्चे का नाम खुल जाता है।
सर्दी जुकाम के अलावा भी अगर शिशु का नाक बंद है तो भी आप Nasoclear का इस्तेमाल कर सकते हैं। दूध पिलाने से 10 मिनट पहले इसे बच्चे की नाक में डालना होता है ताकि जब वो दूध पिए तो अच्छे से उसका नाक खुला हो और वो पेट भर के दूध पि सके।
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5. Hot Compress :
आप कोई एक सूती कपड़ा या रुमाल लेकर उसे मोड़ लीजिये और इसपर प्रेस (Iron) चलाइये और इसे थोड़ा गरम कर लीजिये। इस गरम कपड़े से आप बच्चे की छाती और पीठ पर सेकिये। ध्यान रखिये कपड़ा इतना गरम ना हो की बच्चे की त्वचा जल जाये। आप खुद ही पहले इसका तापमान चेक कर लीजिये फिर बच्चे पर इसका इस्तेमाल कीजिये।
इससे भी काफी हद तक बच्चे की बंद नाक और सर्दी में फरक पड़ता है। ऐसा करने से बच्चे के सीने में जो भी बलगम (Mucas) है वो potty के रास्ते बाहर निकल जाएगा।
6. बच्चे को कराएं Sponge Bath:
सर्दी जुकाम होने पर माता पिता छोटे बच्चो को नहलाना उचित नहीं समझते और मेरा भी यही मानना है लेकिन आप उन्हें कमसे गरम पानी से Sponge Bath जरूर दीजिये। Sponge Bath से भी बच्चे को थोड़ी गर्माहट मिलेगी और इससे बच्चे का छाती साफ होने में भी मदद मिलेगी।
7. Nebulization :
डॉक्टरों की माने तो छोटे बच्चों को ज्यादा सर्दी होने पर उसे Nebulizer देना चाहिए क्यूंकि Steam देना थोड़ा risky होता है क्यूंकि इससे शिशु की त्वचा जल सकती है और उसे नुकसान पहुंच सकता है। Nebulizer क्यूंकि ठंडी हवा देता है इसलिए इसमें खतरे की कोई बात नहीं होती है। साथ ही ये भी देखने में आया है की Nebulizer से Steamer की तुलना में जल्दी और ज्यादा फर्क पड़ता है।
कई लोगों को लगता है की Nebulizer का मतलब होता है की हम उसके माध्यम से बच्चे को कोई दवा दे रहे हैं जबकि ऐसा नहीं होता है, Nebulizer में सिर्फ saline drops का इस्तेमाल किया जाता है जो नमक और पानी से बना होता है।
Nebulization हमेशा डॉक्टर के कहने पर और उनके निर्देशानुसार, उनकी देखरेख में करना चाहिए। Nebulization भी feeding के 10 – 15 मिनट्स पहले करना चाहिए। Nebulization से पूरी नाक की नली साफ हो जाती (nasal passage) है और बच्चे आराम से दूध पी पाते हैं।
8. यूकीलिप्टस तेल बच्चों को जुकाम से दिलाये राहत (Eucalyptus Oil Beneficial for Cold in Babies in Hindi) :
यूकीलिप्टस तेल की कुछ बूंदे बच्चे को सूँघा दें। इसकी कुछ बूंदे बच्चे के बिस्तर पर छिड़कने से भी आराम आ सकता है।
9. अजवाइन की पोटली :
सूती के कपड़े या रुमाल में दो बड़े चम्मच अजवाइन के डाल कर उसे बांध दीजिये और तवा पर उसे गरम कीजिये। जब इस कपड़े में से थोड़ा धुआं निकलने लगे तो इस धुएं को बच्चे के नाक के पास ले जाये और उसे सुंघाएं। 10-15 मिनट तक ऐसा करने से बच्चे की नाक आसनी से खुल जाती है और वो चैन से दूध भी पी सकता है और आराम से पूरी रात सो भी सकता है।
आज के पोस्ट नवजात शिशु को सर्दी जुकाम होने से कैसे बचाएं (घरेलु उपाय) – How to prevent Cough and Cold in Newborn Baby (Home Remedies) में मैंने जो भी उपाय आपसे साझा किये हैं वो मेरे आजमाए हुए हैं। इसलिए आप इन उपायों को अपना सकते हैं और अपने बच्चे को सर्दी जुकाम से राहत दिला सकते हैं। सर्दी में बच्चे का नाक बंद हो जाता है।
ऐसे में शिशुओं को इन घरेलु उपायों के साथ साथ माँ का दूध भी थोड़े थोड़े अंतराल पर जरूर मिलते रहना चाहिए ताकि वो जल्दी ठीक हो सके। माँ को भी गरम काढ़ा, गरम दूध और गरम पानी इत्यादि पीना ताकि उनके दूध के माध्यम से ये सब चीजे उनके बच्चे को मिल सके और बच्चा जल्दी से ठीक हो सके।
उम्मीद करती हूँ आज के लेख नवजात शिशु को सर्दी जुकाम होने से कैसे बचाएं – घरेलु उपाय | How to prevent Cough and Cold in Newborn Baby – Home Remedies में लिखी गयी बातें और उपाय आपको अच्छे से समझ आई होंगी और ये उपाय आपके लिए कारगर साबित हुए होंगे। आज का लेख आपको कैसा लगा मुझे कमेंट करके जरूर बताएं। आज के लेख से जुड़े अपने किसी भी सवाल या सुझाव के लिए आप मुझे कमेंट कर सकते हैं।
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